Home / Politics / वक्फ संशोधन बिल में बड़े बदलाव: दस महत्वपूर्ण बातें जानें

वक्फ संशोधन बिल में बड़े बदलाव: दस महत्वपूर्ण बातें जानें

Waqf Bill borad

waqf board bill

वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025:Waqf Act

बुधवार को लोकसभा ने एक वक्फ संशोधन बिल पारित किया जिसका उद्देश्य है वक्फ संपत्तियों को अधिक पारदर्शी बनाना और गैर-मुस्लिम लोगों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना। अब यह बिल राज्यसभा में पेश होगा. इसमें सरकार को वक्फ खातों का ऑडिट करने का अधिकार भी मिलेगा।

जरूरी जानकारी

  • वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाना है
  • .बिल सरकार को वक्फ खातों का ऑडिट करने का अधिकार देगा  
  • और गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करेगा।

दिल्ली:

बुधवार को लोकसभा ने वक्फ संशोधन बिल पारित किया। 520 सांसदों ने रात दो बजे इस पर 12 घंटे की बहस के बाद वोटिंग में भाग लिया। उस समय 288 लोग पक्ष में वोट डाले, जबकि 232 लोग विपक्ष में वोट डाले। उम्मीद (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम से इसे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने नामांकित किया है। यह बिल आज (गुरुवार) राज्यसभा में पेश होगा। राज्यसभा द्वारा पारित होने पर राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह बिल राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद देश भर में वक्फ संपत्तियों पर लागू हो जाएगा।

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पारित होते ही वक्फ कानून में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे, क्योंकि वक्फ का डेटाबेस ऑनलाइन होगा। कानून लागू होने के छह महीने के भीतर, सभी वक्फ संपत्ति को सेंट्रल डेटाबेस में दर्ज करना अनिवार्य होगा। वक्फ में दी गई जमीन का पूरा विवरण छह महीने के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा; कभी-कभी इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।

भूमि का ऑनलाइन डेटाबेस:

डोनेशन में वक्फ को दी गई हर जमीन का एक डिजिटल डेटाबेस होगा, जिससे वक्फ बोर्ड इन संपत्ति के बारे में किसी भी जानकारी को छिपा नहीं पाएगा। ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध होगी, जिसमें जमीन को किस व्यक्ति ने डोनेट किया, उसका मूल्य, वक्फ बोर्ड को उससे मिलने वाली आय और प्रॉपर्टी की देख-रेख करने वाले ‘मुतव्वली’ को मिलने वाली आय शामिल हैं। इससे वक्फ की संपत्ति में ट्रांसपरेंसी होगी और नुकसान भी कम होगा।

गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना

गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना अनिवार्य होगा दूसरा महत्वपूर्ण परिवर्तन यह होगा कि गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना अनिवार्य होगा। वक्फ बोर्ड में दो महिलाओं और दूसरे धर्म के दो व्यक्ति होंगे। वक्फ बोर्ड के पूर्व जजों और सांसदों को भी मुस्लिम होना चाहिए नहीं होगा। सरकार का कहना है कि इस प्रावधान से पिछड़े और गरीब मुस्लिमों को भी वक्फ में जगह मिलेगी और मुस्लिम महिलाओं को भी वक्फ में हिस्सेदारी मिलेगी।

विवाद निपटने का अधिकार

किसी भी विवाद की स्थिति में राज्य सरकार के अफसर को यह सुनिश्चित करने का अधिकार होगा कि संपत्ति सरकारी है या वक्फ की है। बिल के कार्यान्वयन को लेकर, हालांकि, विपक्ष ने व्यापक रोष व्यक्त किया है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि अधिकारी सरकार के पक्ष में निर्णय लेंगे और कितने दिन में विवादों को हल करेंगे।

सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील

लोकसभा ने एक बिल पारित किया है जो कहता है कि अब डोनेशन में मिली संपत्ति वक्फ की होगी, जिससे आप सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं। जमीनी दावा करने वाला ट्रिब्यूनल रेवेन्यू कोर्ट में अपील कर सकेगा। साथ ही आप हाईकोर्ट या सिविल कोर्ट में अपील कर सकते हैं। ट्रिब्यूनल का निर्णय चुनौती दी जा सकती है। वर्तमान कानून में, मामले में वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णय के खिलाफ 90 दिनों में रेवेन्यू, सिविल और हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार है।

सरकार को वक्फ खातों की जांच करने का अधिकार

सरकार को वक्फ खातों की जांच करने का अधिकार मिलेगा केंद्रीय और राज्य सरकारों को वक्फ खातों का ऑडिट करने का अधिकार मिलेगा, जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा। वक्फ बोर्ड सरकार को कोई जानकारी देने से मना नहीं कर सकता और यह भी नहीं कह सकता कि सैकड़ों साल पहले किसी धार्मिक उद्देश्य से उपयोग की गई जमीन उसकी है। 1950 में देश में वक्फ बोर्ड के पास सिर्फ 52 हजार एकड़ जमीन थी, लेकिन 2009 में यह 4 लाख एकड़ हो गया। 2014 में 6 लाख एकड़ और 2025 तकवक्फ बोर्ड के पास देश की कुल 9 लाख 40 हजार एकड़ जमीन है

महिलाएं भी वक्फ में होंगी,उत्तराधिकारी

महिलाएं भी वक्फ में होंगी। भूमि जो उसके नाम पर रजिस्टर्ड है, कोई भी उत्तराधिकारी डोनेट कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को दान में देता है, तो वक्फ भी इस जमीन पर अपना दावा नहीं कर पाएगा। यह गैर-लीगल होगा। विशेष रूप से, महिलाओं को भी “वक्फ-अल-औलाद” के तहत वक्फ की जमीन में उत्तराधिकारी माना जाएगा। यानी जिस परिवार ने वक्फ की जमीन “वक्फ-अल-औलाद” के लिए डोनेशन में दी है, उस जमीन से होने वाली आय में पुरुषों के अलावा महिलाओं भी भाग लेंगे।

वक्फ के स्वामित्व वाली सरकारी संपत्ति वक्फ की संपत्ति नहीं

वक्फ के स्वामित्व वाली सरकारी संपत्ति को पहले दिन से ही वक्फ की संपत्ति नहीं माना जाएगा, जबकि संपत्ति का विवरण राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज होगा। राज्य सरकार मामले की जांच करेगी अगर दावा किया जाता है कि कोई सरकारी संपत्ति वक्फ की है। जांच करने वाला अफसर कलेक्टर पद से ऊपर होगा। यदि जांच रिपोर्ट में वक्फ का दावा गलत होता है, तो सरकारी संपत्ति का पूरा विवरण राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

यह संपत्ति सरकारी वक्फ की नहीं होगी, और इस पर नियम लागू होंगे।

यह संपत्ति सरकारी वक्फ की नहीं होगी, और इस पर नियम लागू होंगे। ये नियम भी उन सरकारी संपत्ति पर लागू होंगे, जिन पर वक्फ का पहले से दावा और कब्जा है। मुख्य बदलाव यह होगा कि वक्फ किसी सर्वे या दस्तावेज के बिना किसी जमीन को अपना बताकर उस पर अधिकार नहीं रख सकेगा। राज्य सरकार को कोई अन्य संपत्ति या जमीन वक्फ की है या नहीं, इसकी जांच करने के लिए आवश्यक अधिकार दिए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *